आनंद: गुजरात में लगभग 8 लाख हेक्टेयर में सब्जियों की खेती की जाती है, जिसमें से लगभग 80,000 हेक्टेयर में भिंडी की खेती होती है। भिंडी से विटामिन ए, बी और सी भरपूर मात्रा में मिलते हैं. इसके अलावा भिंडी में फाइबर और प्रोटीन की मात्रा भी अधिक होती है, जिसके कारण यह स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छी होती है। इसके अलावा इसमें रक्त और आयोडीन जैसे तत्व भी पाए जाते हैं। आनंद कृषि विश्वविद्यालय ने भिंडी की एक संकर प्रजाति ‘आनंद क्रांति’ जारी की है। इस किस्म को मानसून और गर्मी दोनों मौसमों में उगाया जा सकता है. इसके अलावा यह उत्पाद भी बड़ी मात्रा में इस वैरायटी में उपलब्ध है।
इस संबंध में कृषि वैज्ञानिक आरआर आचार्य ने बताया कि कृषि विश्वविद्यालय द्वारा जारी की गई यह नई किस्म अधिक उत्पादन देती है। इस किस्म का औसत उत्पादन 140 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पाया जाता है, जो अन्य किस्मों की तुलना में काफी अधिक है. मध्य गुजरात में इस किस्म का औसत उत्पादन 163 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है.
आनंद क्रांति की खासियत क्या है?
इस संबंध में कृषि वैज्ञानिक आरआर आचार्य ने बताया कि इस किस्म की नोक गहरे हरे रंग की और मध्यम लंबाई वाली होती है, जबकि इस किस्म की पत्तियां गहरी नालीदार होती हैं. यह किस्म कम ऊंचाई वाली किस्म है तथा पौधे में दो गांठों के बीच की दूरी कम होती है, जिसके कारण सींग ऊंचे बैठते हैं और उत्पादन अधिक होता है। इस किस्म में अन्य किस्मों की तुलना में अधिक श्लेष्मा और क्लोरोफिल होता है।
इस किस्म में बीज की मात्रा कम होती है
इस संबंध में कृषि वैज्ञानिक आरआर आचार्य ने बताया कि इस किस्म की खासियत यह है कि अगर फसल देर से काटी जाती है तो भी सींग में बीज की मात्रा नहीं दिखती है. इसके अलावा, इस किस्म में नियंत्रण किस्मों जीजेओएच4, जीएओ5 और पूसा सावनी की तुलना में पीली शिरायुक्त पत्ती धब्बा, सौंफ पत्ती धब्बा रोग, काली मक्खी, सफेद मक्खी और प्याज और फल छेदक कैटरपिलर का खतरा कम होता है।