टीटीडी हिंदू धार्मिक प्रोजेक्ट्स के तत्वावधान में श्रीमन थल्लापक अन्नमाचार्य की 521वीं जयंती समारोह शुरू हो गया है। टीटीडी का उद्घाटन तिरूपति के अन्नमाचार्य कलामंदिरम में हुआ। अन्नमाचार्य परियोजना के कलाकारों द्वारा गाए गए सप्तगिरि संकीर्तन प्रभावशाली थे। सुबह 9 बजे अन्नमाचार्य परियोजना के कलाकारों और स्थानीय कलाकारों ने रागयुक्त सप्तगिरि संकीर्तन गाया। कलाकारों ने ब्रह्मा के चरणों का आश्रय हरि के अवतार अन्नमय्या सरनु सरनु सरनु के भजन गाए। इसके बाद हरति और महानिवेदना की गई और शाम 6 बजे से 7 बजे तक तिरूपति से आए पद्मप्रिया ग्रुप और शाम 7 बजे से 8.30 बजे तक आरती ग्रुप ने गात्र संगीत सभा का आयोजन किया।
थल्लापका ध्यानमंदिरम में सुबह 8 बजे से 11 बजे तक अन्नमाचार्य परियोजना के कलाकारों द्वारा सप्तगिरि संकीर्तन गोष्ठी का आयोजन किया गया। शाम 6.30 बजे से 8 बजे तक तिरुपति के श्यामकुमार मंडली द्वारा संगीत सभा और रात 8 से 9.30 बजे तक तिरुपति के रमेश बाबू मंडली द्वारा हरिकथा गायन। राजमपेट-कडप्पा राजमार्ग पर 108 फीट की अन्नामैया प्रतिमा पर शाम 6.30 बजे से 8 बजे तक अन्नामचार्य परियोजना के कलाकारों और मणि टीम ने अन्नामैया कीर्तन गाए। रात्रि 8 बजे से 9.30 बजे तक हरिकथा कार्यक्रम का आयोजन तिरूपति, दिल्ली टीटीडी के वेंकट कृष्णैया समूह द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में अन्नमाचार्य परियोजना प्रबंधक डॉ. अकेला विभीषण शर्मा एवं अन्नमाचार्य परियोजना के कलाकारों ने भाग लिया।