प्रतिभा जनगणना: स्किल सेंसेज का निर्णय लेने वाली सरकार ने इसे इनोवेटिव तरीके से करने का निर्णय लिया है। सिर्फ पढ़े-लिखे लोगों में ही नहीं, बल्कि हर किसी में हुनर लाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार को उम्मीद है कि यह गणना 15 साल से लेकर लगभग साठ साल तक की उम्र के लोगों के कौशल की पहचान करने में उपयोगी होगी। सरकार को उम्मीद है कि वह लोगों की इच्छाओं को जानेगी और उसके अनुसार योजनाएं बनाएगी।
कौशल गणना में सभी विवरण
एपी सरकार लोगों के कौशल को जानने के लिए कौशल गणना के लिए एक विशेष ऐप लाएगी और वे अभी भी किस क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने के बारे में सोच रहे हैं। न सिर्फ नौकरी का इंतजार कर रहे लोगों का ब्योरा, बल्कि कृषि समेत अन्य हस्तशिल्प से जुड़े लोगों को भी इस श्रेणी में लाया जाएगा। ऐसा करने से हमें पता चलेगा कि किसी भी क्षेत्र में कितने लोग हैं। सरकार की सोच है कि उनकी रुचि जानकर और उन्हें प्रशिक्षण देकर नवीनतम नीतियां समझायी जा सकेंगी।
रोजगार उपलब्ध कराने हेतु..
सरकार इस ऐप के जरिए लोगों की प्रोफेशनल स्किल का आकलन कर उनकी रुचि के साथ-साथ उनके कौशल को भी बेहतर बनाने की दिशा में काम शुरू करेगी। इनके स्तर का वर्गीकरण भी किया जा सकता है। इसके मुताबिक उन्हें रोजगार के अवसर मुहैया कराना आसान होगा.
कहीं से भी विवरण दर्ज करें
सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए ऐप में कोई भी कहीं से भी लॉगइन कर सकता है। अगर आपके पास फोन नंबर है तो आप ओटीपी के जरिए लॉगइन कर सकते हैं। इसमें व्यक्तिगत विवरण अपलोड करना होगा। दुनिया में कहीं भी एपी से संबंध रखने वाला कोई भी व्यक्ति इस ऐप में अपना विवरण अपलोड कर सकता है। दूसरे तरीके से इसमें विवरण भी शामिल है. सचिवालय कर्मचारी घर-घर जाकर विवरण एकत्र करेंगे और उन्हें इस ऐप में अपलोड करेंगे। सरकार की मंशा बीस-बीस लोगों का ब्योरा जुटाने की है।
उद्योगों से जुड़ने की योजना
इस हुनर को समझने के बाद सरकार को एक और कदम आगे बढ़ने की उम्मीद है. इस ऐप से उद्योगों को जोड़ा जाएगा। दूसरा उद्देश्य उन्हें यह बताना है कि उनके राज्य में ईई कौशल वाले लोग हैं और उन्हें रोजगार दिलाना है। इससे लोगों और उद्योग के बीच अंतर कम होने और बेरोजगारी कम होने की उम्मीद है।
चंद्रबाबू सत्ता में आने की शुरुआत में पहले पांच हस्ताक्षर किये गये. इसमें इन कौशलों की गणना भी शामिल है। चुनाव में किये गये वादे के मुताबिक पूरे राज्य में कौशल की पहचान की जायेगी और उसके अनुरूप रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जायेंगे.