आज पूरे देश में विशुकानि के दर्शन और विशुकैनितम की पेशकश करके विशु मनाया जाता है। मलयाली लोगों ने एक और विषुव दिवस का स्वागत ओटुरुली में भरे फल-अनाज, रोशन दीपक, कोटिमुंड, कानिवेलरी, कानिकोन्ना और हाथ फैलाकर किया। विशु आशा का दिन है जो कृषि समृद्धि और खुशहाली की आंखें खोलता है। ऐसा माना जाता है कि मेदामा महीने में विशुपुलारी पर दिखाई देने वाली कानी का पुण्य और सौभाग्य पूरे वर्ष बना रहेगा।
विशुपुलारी में, विशुकानि से पहले नींद साफ हो जाती है। हर किसी के विशु दिवस की शुरुआत विषुकानी के दर्शन से करें। ऐसा माना जाता है कि विषुकानी की शुभता और प्रचुरता पूरे वर्ष आपके साथ रहेगी। विशु केरल के किसानों के लिए अगले साल की फसल की तैयारी का भी समय है।
विषुव दिवस पर दर्शन के लिए विभिन्न मंदिरों में व्यापक व्यवस्था की गई है। विशुकानी विशु उत्सव में सबसे महत्वपूर्ण समारोहों में से एक है। कानी देखने का अर्थ आने वाले वर्ष में हमारे जीवन में प्रचुर धन और सौभाग्य है। इसलिए, विशुकनी को सब्जियों, फलों और नए कपड़ों से तैयार किया जाता है, जो सभी समृद्धि के संकेत हैं।