होली के रंग: रंगों का त्योहार होली आने ही वाला है और हर कोई इस त्योहार को धूमधाम से मनाने की तैयारी कर रहा है। यह देश में सबसे ज्यादा मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है और इस साल यह 8 मार्च को मनाया जाएगा। इसके अलावा अलग-अलग राज्यों में इसे अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत की याद दिलाता है और भगवान कृष्ण और राधा के शाश्वत प्रेम का भी जश्न मनाता है। यह एक ऐसा त्योहार है जहां लोग एक साथ आते हैं और एक दूसरे को ‘गुलाल’ (रंग) लगाते हैं और पारंपरिक व्यंजनों का आनंद लेते हैं।
हालांकि, किसी भी प्रकार के त्वचा रोग से बचने के लिए यह आवश्यक है कि आप किस प्रकार के रंगों का उपयोग कर रहे हैं। इसलिए, इस होली में सुरक्षित और त्वचा के अनुकूल रंगों को चुनने के कुछ आसान तरीकों की सूची यहां दी गई है।
होली सेलिब्रेशन के लिए त्वचा के अनुकूल रंगों का चुनाव कैसे करें:
पैकेजिंग की जाँच करें:
कोई भी होली कलर खरीदने से पहले उसकी पैकेजिंग और ब्रांड की जांच कर लें। अगर पैकेजिंग से छेड़छाड़ की गई लगती है तो रंग खरीदने से बचना बेहतर है।
उपयोग की गई सामग्री पढ़ें:
कई बार ऐसा होता है जब पैकेजिंग का दावा होता है कि यह एक हर्बल या जैविक गुलाल है लेकिन यह इसके बिल्कुल विपरीत निकला। इसलिए एहतियात के तौर पर रंग खरीदने से पहले सामग्री, निर्माण की तारीख, पैकेजिंग की तारीख और पैकेट पर ‘चेतावनी’ की जांच कर लें।
त्वचा परीक्षण / जल परीक्षण
त्वचा परीक्षण या पानी परीक्षण करना आवश्यक है। कोई भी ऑर्गेनिक/प्राकृतिक रंग आपकी त्वचा पर कोई निशान छोड़े बिना पानी से आसानी से धुल जाता है। रंग की कुछ मात्रा लें और इसे पानी में घोलने की कोशिश करें, अगर यह पूरी तरह से घुल जाए तो यह प्राकृतिक है।
रंग में चमकदार कण
गुलाल खरीदने से पहले उसका रंग ठीक से जांच लें। अगर आपको कोई चमकदार कण मिलता है, तो इसका मतलब है कि रंग प्राकृतिक नहीं है और आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए ऐसे रंगों को खरीदने से बचना ही बेहतर है।