कोलकाता: पांच अंगों का एक समूह, इसलिए ज्योतिष में इसे पंजिका के अपभ्रंश से पंचांग या पंचिका कहा जाता है। यह मूल रूप से ग्रहों, विशेषकर चंद्रमा और सूर्य की स्थिति पर आधारित एक प्राचीन कैलेंडर है। जहां संदर्भ क्षण का है. परम्परागत मान्यता- इन क्षणों में किये गये कार्यों के अनुसार ही शुभ फल प्राप्त होते हैं।इस बार न्यूज18 बंगाल के लिए कलम उठाया मशहूर ज्योतिषी चिराग दारूवाला ने. आइए देखें 7 जून के पंचांग के बारे में वे क्या कहते हैं। आइए उनसे जानते हैं तिथि-नक्षत्र, शुभ-अशुभ मुहूर्त आदि।
तिथि: शुक्ल प्रतिपदा
नक्षत्र: मृगशिरा
करण: वाह
पक्ष : शुक्लपक्ष
योग: चूल- सायं 07.52.40
बार: शुक्रवार
सूर्य और चंद्रमा की गणना:
सूर्योदय: प्रातः 05.11.16
सूर्यास्त: सायं 06.55.17
चंद्रोदय: प्रातः 28.05.44
चन्द्रास्त: रात्रि 08.04.47
चंद्र राशि: मिथुन
ऋतु: ग्रीष्म
हिंदू महीने और वर्ष:
सदमा दिनांक: 1946
विक्रम संबत: 2081
मास अमान्त: ज्येष्ठ
पूर्णिमा: ज्येष्ठ
अशुभ क्षण:
राहु काल: प्रातः 10.20.16 से अपराह्न 12.03.16 तक
जामगंड: दोपहर 03.29.16 से दोपहर 05.12.16 तक
गुलिक काल: प्रातः 06:54:16 से प्रातः 08:37:16 तक
खुशी के पल:
अभिजीत: सुबह 11.36.00 बजे से दोपहर 12.30.00 बजे तक