दिल्ली में स्थापित सट्टेबाज और क्रिप्टोकरेंसी हैंडलर लक्ष्य विज को मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को गिरफ्तार किया था। ईडी ने संयुक्त राज्य अमेरिका में राष्ट्रव्यापी धोखाधड़ी के लिए कई आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की।
कैसे लक्ष्य विज और अन्य लोगों ने अमेरिकी लड़की को धोखा दिया
एफआईआर के अनुसार, आरोपी व्यक्तियों ने संयुक्त राज्य अमेरिका से राष्ट्रीय स्तर पर संपर्क किया और उसे रिजर्व में रखे गए निवेश को एक क्रिप्टोकरेंसी खाते में स्थानांतरित करने के लिए राजी किया, यह दावा करते हुए कि चालू खाता सुरक्षित नहीं है।
निकटतम कॉल करने वाले को उसके कंप्यूटर तक अनधिकृत दूरस्थ पहुंच प्राप्त हुई और उसने पीड़िता के मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी का उपयोग करके उसके नाम पर एक क्रिप्टोकरेंसी खाता बनाया। एक बार उसे बताए गए क्रिप्टोकरेंसी खाते में 400,000 अमेरिकी डॉलर ट्रांसफर करने की सिफारिश की गई थी। इसके बाद, जब पीड़िता ने अपने खाते में लॉग इन किया, तो उसे अपना खाता खाली मिला। पीड़िता द्वारा एक शिकायत दर्ज की गई थी और नियम सीधे भारत सरकार को भेजे गए थे जिसके जवाब में सीबीआई ने कुछ आरोपियों को नामित करते हुए एफआईआर दर्ज की थी।
जांच में पता चला कि धोखाधड़ी की रकम यूएसए महिला के माध्यम से प्रफुल्ल गुप्ता और उनकी मां सरिता गुप्ता के वॉलेट में ट्रांसफर की गई। जांच के दौरान, यह भी पता चला कि करण चुग नाम का एक व्यक्ति गुप्ता से यह पैसा प्राप्त कर रहा था और पैसे का रास्ता छिपाने के लिए इसे विभिन्न वॉलेट में जमा कर दिया था।
फिर यह राशि डमी संस्थाओं के आरक्षित खातों में स्थानांतरित कर दी गई और करण और लक्ष्य के कहने पर भुगतान एग्रीगेटर्स के माध्यम से बड़ी संख्या में व्यक्तियों और संस्थाओं को भारतीय मुद्रा में स्थानांतरित कर दी गई। इसके बाद, उन्होंने ट्रूथफुल प्ले गेम्स 24 जैसे सट्टेबाजी ऐप बनाकर देश से प्राप्त नकदी का उपयोग किया।
ईडी ने इस मामले में पिछले दिनों तलाशी अभियान चलाया था और कई आभासी सबूत जुटाए थे। ऐसे कई लोगों के बयान भी दर्ज किए गए जिनके बटुए क्रिप्टोकरेंसी और बिटकॉइन के हस्तांतरण में चुराए गए थे। जांच के दौरान जुटाए गए सबूतों से पता चला कि लक्ष्य विज ही वह व्यक्ति थे जिन्होंने विभिन्न लोगों को बिटकॉइन ट्रांसफर करने के निर्देश जारी किए थे। निर्देश मुख्य रूप से व्हाट्सएप ग्रुप ईडी के माध्यम से जारी किए गए थे।