गेहूं की कीमत: फिलहाल प्रदेश के गेहूं किसानों के लिए एक राहत भरी खबर है. गेहूं की कीमत दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. गेहूं की कीमत में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है. इस समय गेहूं 2500 से 3900 रुपये प्रति क्विंटल का भाव मिल रहा है। इससे गेहूं उत्पादक किसानों को फायदा हो रहा है. गेहूं सरकारी गारंटी मूल्य से 25 से 30 फीसदी अधिक दाम पर बिक रहा है.
औसत रेट 3450 रुपये प्रति क्विंटल
कई बाजार समितियों में गेहूं का औसत मूल्य 3450 रुपये प्रति क्विंटल मिल रहा है। सरकार ने चालू वर्ष के लिए गेहूं का एमएसपी 2275 रुपये तय किया है. देश के कई राज्यों में गेहूं की खरीद शुरू हो गई है. इस तरह गेहूं की कीमत बढ़ने से किसानों को फायदा हो रहा है.
प्रदेश में क्यों बढ़ रहे हैं गेहूं के दाम?
आप सोच रहे होंगे कि महाराष्ट्र में गेहूं की कीमतें क्यों बढ़ रही हैं? इसलिए महाराष्ट् गेहूं का उत्पादन घट जाता है. राज्य में गेहूं का उत्पादन देश के कुल उत्पादन का केवल 2 प्रतिशत है, इसलिए राज्य में गेहूं की कीमत बढ़ रही है। फिलहाल गेहूं की कीमतें एमएसपी से ज्यादा हैं. इसलिए, किसान गेहूं को एमएसपी पर बेचने के बजाय बाजार में बेचने का जोखिम उठा सकते हैं।
राज्य में कई किसानों का रुझान गेहूं की खेती की ओर है
एक तरफ गेहूं के दाम बढ़ रहे हैं तो दूसरी तरफ प्याज के दाम गिर रहे हैं. इसके चलते कई किसान प्याज की खेती छोड़कर गेहूं की खेती कर रहे हैं। गेहूं की फसल के प्रति किसानों का रुझान बढ़ रहा है। क्योंकि फिलहाल गेहूं को अपेक्षित कीमत मिल रही है.
मौसम की मार गेहूं पर पड़ी
पिछले साल बारिश की मात्रा कम थी. इसके चलते कई जगहों पर किसानों के पास गेहूं बोने के लिए पैसे भी नहीं थे. कुछ किसानों की बोयी गयी गेहूं की फसल पर मौसम का बुरा प्रभाव पड़ा है. इन दोनों चीजों का गेहूं के उत्पादन पर बड़ा असर पड़ा है. वर्तमान में गेहूं का उत्पादन कम हो गया है और मांग बढ़ गयी है. इसके चलते रेट बढ़ रहा है.