सौंफ की खेती : अब किसान पारंपरिक खेती तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि लाभकारी खेती भी कर रहे हैं। भारतीय किसान दिन-प्रतिदिन नए-नए प्रयोग कर आधुनिक कृषि को बढ़ावा दे रहे हैं। साथ ही अच्छा मुनाफा भी मिल रहा है. ऐसी ही एक फसल है सौंफ। जिसमें अच्छा मुनाफा प्राप्त किया जा सकता है. बाजार में सौंफ की काफी मांग है. मसालों के साथ-साथ इसे माउथ फ्रेशनर के रूप में भी बेचा जाता है।
दरअसल, सौंफ एक सुगंधित मसाला फसल है। जिसकी खेती किसान आसानी से कर सकते हैं. भारत में सौंफ की खेती गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में बड़े पैमाने पर की जाती है। झारखंड के किसान भी इसकी खेती कर मालामाल हो सकते हैं. इसके लिए विशेष प्रबंधन की आवश्यकता है. समय पर खेती करने से किसानों का बैंक बैलेंस बढ़ेगा.
सौंफ की खेती के लिए ऐसी मिट्टी का चयन करें
सौंफ एक फसल है. इसकी खेती रेतीली मिट्टी को छोड़कर अन्य सभी जगह की जा सकती है। किसान इसके लिए बाल्डहुस भूमि का चयन कर सकते हैं। इसका pH मान 6.6 से 8.0 तक होता है। ऐसी भूमि में सौंफ की खेती की जा सकती है। इसकी खेती के लिए 20 से 35 डिग्री के बीच का तापमान उपयुक्त होता है.
इस किस्म को चुनें
कृषि वैज्ञानिक डॉ. रमेश कुमार ने लोकल18 को बताया कि बाजार में 210 से 225 दिनों में तैयार होने वाली फसल की किस्में उपलब्ध हैं. वहीं, किसान कम समय में तैयार होने वाली किस्मों का चयन कर सकते हैं। इसके लिए किसान 150 से 160 दिन में तैयार होने वाली किस्मों का चयन कर सकते हैं जैसे गुजरात सौफ 11, गुजरात सौफ 2, सीओ 01. ये किस्में कम समय में अच्छा मुनाफा देती हैं.
इस प्रकार खेत तैयार करें
सौंफ की खेती के लिए किसानों को खेत की गहरी जुताई करनी चाहिए. इसमें नाइट्रोजन 40 किलोग्राम प्रति एकड़ और फॉस्फेट 20 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से डालें. खेत की आखिरी जुताई के समय 8 से 10 टन प्रति एकड़ की दर से खाद डालें. इसकी खेती के लिए किसान स्प्रिंकलर विधि या सीधी बुआई का प्रयोग कर सकते हैं. इसके लिए किसानों को क्यारियां तैयार करनी होंगी. इसकी खेती के लिए किसानों को 20 सेंटीमीटर की दूरी पर बुआई करनी चाहिए. निराई-गुड़ाई के साथ उचित दूरी पर बुआई करने से भी फसलें अच्छी होती हैं।
रोपण से पहले बीजोपचार करें
कृषि वैज्ञानिक ने कहा कि फसल की खेती ऐसी जगह करनी चाहिए जहां की मिट्टी में जीवांश पदार्थ अच्छा हो. इसे लगाने से पहले बीज को उपचारित जरूर कर लेना चाहिए. बीजोपचार के लिए बाजार से वेमिस्टिन 2 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से मिलाकर सुखा लें। ऐसा करने से बीजों को कोई रोग नहीं लगता. इसके अलावा गौमूत्र का उपयोग बीज उपचार के लिए भी किया जा सकता है.
35 दिनों में आपको अच्छा मुनाफा मिलेगा
बड़ी सौंफ बाजार में मसालों के तौर पर बिकती है. लेकिन, छोटी सौंफ की मांग सबसे ज्यादा है. ऐसे में किसान 35 से 40 दिन में फूल खिलने पर ही इसकी कटाई कर सकते हैं. किसानों को प्रति एकड़ 15 से 17 हजार रुपये का मुनाफा हो सकता है. बाजार में छोटी सौंफ बड़ी सौंफ से डेढ़ गुना महंगी बिकती है। इसकी कीमत 10 से 12 हजार रुपये प्रति एकड़ है. वहीं, तैयारी के बाद 15 से 17 हजार रुपये का मुनाफा होता है. जहां तक छोटी सौंफ की बात है तो प्रति एकड़ 2 से 3 क्विंटल तक पैदावार होती है. साथ ही एक एकड़ में 7 से 8 क्विंटल बड़ी सौंफ की पैदावार होती है. जो किसानों को आय के मामले में आत्मनिर्भर बनाता है।