पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) से कई बार बाहर निकलने के बाद, इसके उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी निशाने पर हैं। यह देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी और उसके अध्यक्ष व पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए ताबूत में आखिरी कील साबित हो सकता है।
जियो न्यूज ने बताया कि खान और कुरैशी के बीच बुधवार को लाहौर में कड़वाहट के साथ मुलाकात हुई।
इससे पहले कुरैशी ने मंगलवार शाम जेल से रिहा होने के बाद न्याय का झंडा लेकर चलने का दावा किया था।
हालांकि, खान से मिलने के बाद, कुरैशी अपनी बीमार पत्नी की देखभाल के लिए कराची के लिए रवाना हो गए और अदियाला जेल से रिहा होने के बाद उनके द्वारा घोषित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित नहीं किया। सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के अध्यादेश के तहत गिरफ्तारी के बाद उन्हें 6 मई को जेल से रिहा कर दिया गया था।
जियो न्यूज ने कुरैशी के एक बेहद करीबी दोस्त के हवाले से बताया कि बैठक के दौरान कुरैशी ने पूर्व पीएम को फिलहाल पीछे हटने, विदेश जाने या कम से कम चुप्पी बनाए रखने की सलाह दी।
आगे खान को कुरैशी और अन्य लोगों को मुद्दों को सुलझाने और इस बीच क्षमा करने देने के लिए कहा गया। इसके अलावा, उन्होंने उन्हें सलाह दी कि जब सब कुछ ठीक हो जाए तो वे फिर से पार्टी की कमान संभाल लें।
रिपोर्ट में कहा गया है, कुरैशी ने पीटीआई प्रमुख से कहा कि यह मुश्किल समय है और भावनाओं में बहकर बुद्धिमानी से निर्णय लेने की जरूरत है।
आगे के सूत्रों ने बताया कि दोनों पीटीआई नेताओं ने बैठक के दौरान गर्म शब्दों का आदान-प्रदान किया।
सूत्रों ने दावा किया कि कुरैशी ने इमरान खान से यहां तक कहा कि सेवानिवृत्त लोग जो उन्हें गुमराह कर रहे हैं, वे इन परिस्थितियों में उनकी मदद नहीं कर सकते।
इस पर खान ने गुस्से में कुरैशी को जवाब दिया, जो बाद में जमां पार्क से बिना मीडियाकर्मियों से बात किए कराची के लिए निकल गए।
दिलचस्प बात यह है कि जियो न्यूज ने बताया कि जब कुरैशी से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनके संपर्क नंबर स्विच ऑफ पाए गए।
बैठक के बाद, इमरान खान ने वही दोहराया जो वह ज्यादातर एक वीडियो संबोधन में कहते रहे हैं।