पिछले हफ्ते वॉल स्ट्रीट में आई तेज गिरावट ने ग्लोबल मार्केट्स में हलचल मचा दी, और निवेशक सोमवार को अमेरिकी ट्रेडिंग के खुलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। यह सब कुछ शुरू हुआ जब ट्रंप प्रशासन ने नए टैरिफ लागू करने की योजना की घोषणा की, जिससे वैश्विक स्तर पर आर्थिक प्रतिक्रिया की लहर दौड़ गई।
🌐 ट्रंप प्रशासन का टैरिफ असर: अस्थिरता की वापसी
ट्रंप के टैरिफ प्लान ने वैश्विक बाज़ारों को फिर से अस्थिर कर दिया।
- पिछले बुधवार को व्हाइट हाउस में इस योजना का ऐलान किया गया था
- इसके बाद S&P 500 में दो दिन के भीतर 10.5% की गिरावट आई
- बाज़ार पूंजीकरण में $5 ट्रिलियन का नुकसान हुआ – मार्च 2020 के बाद सबसे बड़ी दो दिवसीय गिरावट
🗣️ प्रशासन का बचाव: ‘यह मंदी नहीं, रणनीति है’
रविवार को टेलीविज़न इंटरव्यू की एक सीरीज़ में ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेन्ट और वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने ट्रंप के टैरिफ रुख का बचाव किया।
- उन्होंने मंदी की अटकलों को नकारा
- टैरिफ को ‘वैश्विक व्यापार को पुनर्गठित करने का एक तरीका’ बताया
- बेसेन्ट ने NBC के Meet the Press पर कहा, “अभी मंदी की कोई वजह नहीं है”
📦 बुधवार से लागू होंगे नए टैरिफ
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार से अतिरिक्त टैरिफ लागू होंगे, जो अधिकांश आयात पर प्रभाव डालेंगे।
- पहले से लागू 10% बेसलाइन टैरिफ के अलावा
- लगभग सभी प्रमुख आयातित वस्तुएं इनसे प्रभावित होंगी
🌍 50+ देश कर चुके हैं संपर्क
टैरिफ की घोषणा के बाद से 50 से अधिक देशों ने अमेरिका से संपर्क कर नीति में नरमी की मांग की है।
- ट्रंप के एक वरिष्ठ आर्थिक सलाहकार के अनुसार
- बातचीत के संकेत इस बात की पुष्टि करते हैं कि ये टैरिफ वैश्विक स्तर पर चिंता का कारण बने हुए हैं
📉 क्या बुल मार्केट खत्म हो चुका है?
सिबर्ट फाइनेंशियल के CIO मार्क मालेक ने सटीक शब्दों में कहा:
“बुल मार्केट खत्म हो चुका है। हमें कुछ रिकवरी देखने को मिल सकती है, लेकिन यह टिकाऊ नहीं होगी।”
📆 कमाई सीज़न और टैरिफ की टाइमिंग: डबल प्रेशर
मार्क मालेक ने यह भी कहा कि टैरिफ की घोषणा कमाई के सीज़न की शुरुआत के साथ मेल खा रही है, जिससे निवेशकों का दृष्टिकोण और भी नकारात्मक हो गया है।
🔮 संभावित रैली या फिसलन?
कुछ मार्केट एनालिस्ट्स को उम्मीद है कि इस हफ्ते बाज़ार में थोड़ी बहुत रिकवरी देखी जा सकती है।
स्टीव सोसनिक (Chief Strategist, Interactive Brokers) ने कहा:
“इस हफ्ते हम एक दिन हरे स्क्रीन देख सकते हैं, लेकिन यह लंबी राहत नहीं होगी।”
एलेक्स मॉरिस (CIO, F/M Investments) ने आगे जोड़ा:
“कोई भी स्थायी रैली तीन-चार हफ्तों से पहले नहीं टिक सकती।”
📈 निष्कर्ष: सतर्क आशावाद और अनिश्चितता का दौर
अभी के लिए, निवेशकों को सतर्क रहना होगा। बाजार में भले ही छोटे पलटाव दिखें, लेकिन स्थायित्व की उम्मीद जल्दी न करें। वैश्विक प्रतिक्रियाएं और अमेरिकी नीति दोनों मिलकर बाजार की दिशा तय करेंगी।
Sources:
- Financial Times
- NBC News
- Agency inputs