ट्रंप के टैरिफ से मचा वैश्विक बाजारों में हड़कंप: सेंसेक्स और निफ्टी ने गवाए हजारों
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ नीति ने वैश्विक वित्तीय बाजारों में हलचल मचा दी है। इससे दुनिया भर में खरबों डॉलर की संपत्ति स्वाहा हो गई है और भारतीय शेयर बाजार 10 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है। सेंसेक्स में पिछले सत्र की तुलना में 3.5% से अधिक की गिरावट आई, जबकि निफ्टी ने एक ही सुबह में 1,000 अंकों से अधिक की गिरावट दर्ज की।
भारतीय बाजार में भारी गिरावट
सप्ताहांत के बाद खुलते ही सोमवार सुबह 9 बजे सेंसेक्स 3,939.68 अंक गिरकर 71,425.01 पर पहुंच गया। इसी दौरान निफ्टी भी 1,160.8 अंक की गिरावट के साथ 21,743.65 पर आ गया। सुबह 10 बजे तक सेंसेक्स 2,700 अंक से अधिक गिर चुका था और निफ्टी 22,000 के स्तर से नीचे चला गया था।
रुपये ने भी डॉलर के मुकाबले कमजोरी दिखाई और 30 पैसे की गिरावट के साथ 85.74 पर आ गया।
टैरिफ नीति से बढ़ी अनिश्चितता
ट्रंप की टैरिफ नीति को अमेरिकी उद्योगों के लिए एक “गोल्डन पीरियड” का संकेत माना जा रहा है, लेकिन इसने वैश्विक बाजारों को गहरे संकट में डाल दिया है। इन टैरिफों की दरें देश-विशिष्ट हैं और कुछ मामलों में यह 50% तक जा रही हैं। भारत के लिए घोषित दर 26% रखी गई है, जो वैश्विक बेसलाइन 10% से कहीं अधिक है। इससे भारतीय निर्यातकों और व्यापारियों में चिंता की लहर फैल गई है।
“कुछ ठीक करने की ज़रूरत है”: ट्रंप
वैश्विक बाजारों में हाहाकार के बावजूद ट्रंप अपने रुख से पीछे हटते नजर नहीं आए। उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, “कुछ चीज़ें सुधारने की ज़रूरत है”, और अपनी नीतियों का समर्थन किया।
विश्लेषकों की राय: भारत को सुधारों की जरूरत
विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप की टैरिफ नीति ने भारतीय बाजारों में डर का माहौल पैदा कर दिया है। एएनआई ने कहा, “भारत को घरेलू कारणों से नहीं, बल्कि वैश्विक पोर्टफोलियो बहाव के कारण असर झेलना पड़ेगा। इस संकट से निपटने के लिए सरकार को राजकोषीय, मौद्रिक और सुधारात्मक पैकेज की जरूरत है।”
सेबी-पंजीकृत विश्लेषक सुनील गुर्जर के अनुसार, “निफ्टी ने अपने पहले समर्थन स्तर को पार कर लिया है और अब दूसरे के पास है। अगर यह स्तर भी टूटता है तो गिरावट और तेज हो सकती है।”
एशियाई बाजारों में भी गिरावट
ट्रंप की नीति का असर एशिया के प्रमुख बाजारों पर भी पड़ा है। चीन, जापान, ताइवान और हांगकांग में बड़ी बिकवाली देखी गई। चीन ने अमेरिका के खिलाफ 34% टैरिफ लागू किए हैं, जिसके बाद वहां के स्टॉक्स 4% से अधिक गिर गए। हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स 10% तक टूट गया। जापान का निक्केई इंडेक्स शुरुआती घंटों में 8% गिरने के बाद 6.5% नीचे बंद हुआ। ताइवान और सिंगापुर के इंडेक्स में भी क्रमशः 10% और 8% से अधिक की गिरावट दर्ज हुई।
अमेरिकी बाजारों में भी संकट की आहट
न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में फ्यूचर्स की ट्रेडिंग में भारी गिरावट ने यह संकेत दिया है कि सोमवार को अमेरिकी बाजार खुलने पर वहां भी भारी नुकसान हो सकता है। विशेषज्ञों को अब वैश्विक मंदी की आशंका सताने लगी है।
वैश्विक मंदी की चेतावनी
SPI एसेट मैनेजमेंट के स्टीफन इन्स ने कहा, “बाजार एक बार फिर फ्री-फॉल मोड में है। ट्रंप की टीम इस स्थिति पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रही है और टैरिफ को जीत के रूप में पेश कर रही है, जबकि यह वास्तव में एक वैश्विक संकट की दस्तक है।”