नयी दिल्ली: दिल्ली में बाढ़ की स्थिति के बाद राष्ट्रीय राजधानी में वेक्टर जनित बीमारियों के उभरते खतरे को देखते हुए, शहर के औषधि विभाग ने केमिस्टों या फार्मेसी दुकानों को पंजीकृत चिकित्सक के नुस्खे के बिना एस्पिरिन, इबुप्रोफेन और डाइक्लोफेनाक समूह की दवाओं की बिक्री से बचने की चेतावनी दी है।
चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि दवाओं का ये सेट मानव रक्त में प्लेटलेट्स के विनाश का कारण बनता है। डेंगू संक्रमण से पीड़ित व्यक्ति आमतौर पर कम प्लेटलेट काउंट से पीड़ित होता है जो एक घातक स्थिति बन जाती है।
ये निर्देश बरसात के मौसम की पृष्ठभूमि में आते हैं जो डेंगू, चिकनगुनिया और अन्य वेक्टर जनित बीमारियों के लिए अनुकूल स्थिति होती है।
दिल्ली के ड्रग कंट्रोलर केआर चावला द्वारा जारी एक सलाह में कहा गया है, “खुदरा दवा विक्रेताओं को सलाह दी जाती है कि वे एस्पिरिन, इबुप्रोफेन और डाइक्लोफेनाक समूह की दवाओं जैसे ओवर-द-काउंटर बिक्री वाली एनएसएआईडी दवाओं को तत्काल प्रभाव से अगले निर्देश तक न खरीदें। उन्हें इस श्रेणी के अंतर्गत आने वाली दर्द निवारक दवाओं के स्टॉक का रिकॉर्ड रखने की भी सलाह दी जाती है। यदि इस सलाह का उल्लंघन करते हुए पाया गया तो खुदरा दवा विक्रेता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
पिछले एक सप्ताह में, शहर में डेंगू के लगभग 27 मामले दर्ज किए गए हैं, जिससे इस वर्ष कुल मामलों की संख्या 163 से अधिक हो गई है।