सरस्वती आरती
हे शारदे माँ! हे शारदे माँ! अज्ञान से हमें तार दे मा..(2)
तू स्वर्ग की देवी, ये संगीत तुझ से,
हर शब्द तुम्हारा है, हर गीत तुम्हारा है,
हम अरे अकेले, हम अरे अधूरे..
तेरी शरण हम, हम तार दे माँ..
हे शारदे माँ! हे शारदे माँ! अज्ञान से हमें तार दे मा..(2)
ऋषियों को समझो, ऋषियों को जानो,
वेदों की भाषा, पुराणों की बानी,
हम भी समझने वाले हैं, हम भी जानने वाले हैं,
विद्याका हमें अधिकार दो माँ,
हे शारदे माँ! हे शारदे माँ! अज्ञान से हमें तार दे मा..(2)
तुम गोरे हो, कमल पे बिराजें,
हटो मैं वीणा, मुकुट सिर पे राजे,
मनसे हमारे मिटादे अँधेरा,
आइए हम दुनिया को रोशन करें,
हे शारदे माँ !हे शारदे माँ !अज्ञान से हमें तार दे माँ..(2)