जया पार्वती व्रत 2024 जीवन: हिंदू धर्म में कई व्रत होते हैं। इन्हीं में से एक है जया पार्वती व्रत। जिसे गौरीव्रत या गोरो भी कहा जाता है। गौरीव्रत 14 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों द्वारा किया जाता है। जबकि जया पार्वती व्रत युवा लड़कियों द्वारा किया जाता है। यह व्रत हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। जया पार्वती व्रत को गौरी व्रत भी कहा जाता है। यह व्रत अविवाहित महिलाएं मनचाहा वर पाने के लिए और विवाहित महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए करती हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए यह व्रत किया था। इस व्रत को करने से सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। ऐसे में आइए आपको बताते हैं कि इस साल जया पार्वती व्रत कब मनाया जाएगा, पूजा का शुभ समय क्या है और इस दिन व्रत रखने का क्या महत्व है।
जया पार्वती व्रत 2024 कब है? (जया पार्वती व्रत घंटा 2024)
इस साल 2024 में जया पार्वती व्रत 19 जुलाई, शुक्रवार को मनाया जाएगा। यह व्रत आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी के दिन किया जाता है। यह व्रत खासतौर पर अविवाहित महिलाएं अपना मनचाहा वर पाने के लिए रखती हैं।
जया पार्वती व्रत शुभ मुहूर्त 2024 (जया पार्वती व्रत शुभ मुहूर्त)
जया पार्वती व्रत त्रयोदशी तिथि 18 जुलाई को रात 08:44 बजे शुरू हो रही है। वहीं त्रयोदशी तिथि 19 जुलाई को शाम 07:41 बजे समाप्त होगी.
जया पार्वती पूजा का समय- प्रदोष काल में पूजा का शुभ समय 19 जुलाई को शाम 07:19 से 09:23 बजे तक रहेगा.
जया पार्वती व्रत का महत्व (जया पार्वती व्रत उपयोग)
जया पार्वती व्रत करने से अविवाहित लड़कियों को मनचाहा जीवनसाथी मिलता है और शुभ फल भी मिलता है। पौराणिक कथा के अनुसार देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए यह व्रत किया था। जया पार्वती व्रत का पालन सौभाग्य और समृद्धि लाता है।
धार्मिक मान्यता है कि इस दिन माता पार्वती की पूजा करने से पारिवारिक जीवन में खुशहाली आती है और संतान सुख की प्राप्ति होती है। अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए विवाहित महिलाएं इस व्रत को कर सकती हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जया पार्वती व्रत रखने से कुंडली के दोष दूर होते हैं और ग्रहों की शांति के लिए भी यह व्रत लाभकारी माना जाता है।
जया पार्वती व्रत के दौरान नमक वर्जित है।
ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति इस व्रत को पूरी श्रद्धा से करता है उसका वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है। हालाँकि, इस व्रत को लेकर कई कठिन नियम भी बताए गए हैं, जिनमें से एक है नमक का निषेध। जया पार्वती व्रत के दौरान नमक का सेवन वर्जित माना जाता है।
जया पार्वती व्रत में नमक क्यों वर्जित है?
एक पौराणिक कथा है कि एक बार माता पार्वती ने कैलास पर्वत पर सभी देवी-देवताओं को भोजन के लिए आमंत्रित किया। सभी देवी-देवता कैलास पहुँचे जहाँ माता पार्वती ने अनेक प्रकार के व्यंजन बनाये। इसके बाद माता पार्वती ने सभी को भोजन परोसा और सभी ने बड़े चाव से भोजन किया।
माता पार्वती द्वारा बनाया गया भोजन खाकर सभी देवी-देवता प्रसन्न हुए, लेकिन जब माता पार्वती ने वह भोजन खाया तो उसमें नमक नहीं था। माता पार्वती ने सोचा कि सभी देवी-देवता उनकी श्रद्धा में बड़े प्रेम से बिना मीठा भोजन करेंगे।
इसके बाद माता पार्वती ने सभी देवी-देवताओं को बताया कि बिना नमक का भोजन व्रत के भोजन के समान माना जाता है और इसलिए सभी देवी-देवताओं ने व्रत रखा। अब से आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी का दिन जया पार्वती व्रत के रूप में मनाया जाएगा जिसमें नमक का सेवन वर्जित रहेगा।