नासिक : शरद पवार गुट के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने बयान दिया था कि लड़की बहिन योजना, भाई के बाद अब लड़की बहिन योजना लाओ. उन्होंने यह भी कहा कि 15 साल पहले धनंजय मुंडे को एनसीपी पार्टी में लेना हमारा सुसाइड प्लान था. इसी को लेकर अजित पवार गुट के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने जयंत पटल पर निशाना साधा है.
सुनील तटकरे नासिक जिले के दो दिवसीय दौरे पर हैं. अजित पवार की जन सम्मान यात्रा के मौके पर आज नासिक में सुनील तटकरे की मौजूदगी में बैठक हुई. साथ ही विधानसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में उन्होंने नासिक जिले के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ बैठक की और विधानसभा क्षेत्रों की समीक्षा की. इस मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कई मुद्दों पर टिप्पणी की है.
जयंत पटल को हमसे बात करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है
जयंत पाटिल के बयानों को लेकर सुनील तटकरे ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि धनंजय मुंडे कहां जाने को तैयार हैं. मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि इस तरह का आत्मघाती बयान देकर जयंत पाटिल कौन सा रास्ता अपना रहे हैं। उन्होंने जयंत पाटिल की आलोचना करते हुए कहा है कि जयंत पाटिल को हमसे बात करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, जो कहते हैं कि प्यारी बहन की जगह प्यारी पत्नी लाओ।
अजितदाद की जनसंमान यात्रा नासिक से शुरू होगी
नासिक में हुई बैठक के बारे में पूछे जाने पर सुनील तटकरे ने कहा कि उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने सरकार के माध्यम से दसवां बजट पेश किया. राज्य स्थापना के बाद पहली बार राज्य की अर्थव्यवस्था, समाज और सभी को मजबूती देने का संकल्प प्रस्तावित किया गया। हम अजितदाद की जनसंमान यात्रा अगस्त से शुरू कर रहे हैं और इसकी शुरुआत हम नासिक से करने जा रहे हैं. सभी संस्थाओं के अजितदाद सीधे संवाद करेंगे। माझी लड़की बहिन योजना, मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना, मुख्यमंत्री बलिराजा योजना की जानकारी आम जनता को दी जायेगी. यात्रा सभी विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगी. कुछ सत्रों में किसान प्याज उत्पादकों की समस्याएं जानेंगे. उन्होंने बताया कि हम इस यात्रा की तैयारियों की समीक्षा के लिए दो दिनों के लिए नासिक का दौरा कर रहे हैं।
बैठक से नदारद नरहरि जिरवाल, सुनील तटकरे ने कहा…
नासिकबैठक से विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल अनुपस्थित रहे. पिछले कुछ दिनों से उनके नाराज होने की बातें चल रही हैं। इस बारे में पूछे जाने पर सुनील तटकरे ने कहा कि कल डिंडौरी की बैठक है. तथ्य यह है कि नरहरि जिरवाल आज की बैठक में उपस्थित नहीं हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि वह नाराज नहीं हैं। सभी खबरों को जानबूझकर बोने की कोशिश की गई है. इस मौके पर उन्होंने कहा कि एनसीपी एक यूनियन है.