होली रंगों के साइड इफेक्ट्स: होली फेस्टिवल को हर्षल के साथ मनाया जाता है। लोग एक दूसरे को रंग देकर होली खेलते हैं। लेकिन होली खेलते समय कुछ चीजों का ख्याल रखना महत्वपूर्ण है। क्योंकि आज होली खेलने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला रंग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
सिर्फ आँखें नहीं, पूरे शरीर को खतरे में!
होली रंगों में न केवल रसायन, बल्कि टूटे हुए कांच, भारी धातुओं और खतरनाक कीटनाशकों के टुकड़े भी होते हैं। संपर्क त्वचा पर जलन, खुजली, दाने और बैक्टीरिया के संक्रमण का कारण बन सकता है। सांस लेने की समस्या बढ़ सकती है, जिससे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और फेफड़ों की बीमारियों का खतरा पैदा हो सकता है। गले और आंत क्षतिग्रस्त हो सकते हैं, जो गुर्दे और यकृत को भी प्रभावित कर सकता है।
डॉ। होली। श्रीवास्तव सलाह देते हैं कि होली को केवल कार्बनिक और हर्बल रंगों के साथ खेला जाना चाहिए। आंखों और त्वचा की रक्षा करने और त्वचा पर एक मॉइस्चराइज़र लगाने के लिए आंखों का चश्मा पहना जाना चाहिए। यदि रंग आंखों में चला जाता है, तो इसे ठंडे पानी से तुरंत धोया जाना चाहिए और डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।