मशरूम को लेकर अक्सर एक आम सवाल उठता है — क्या मशरूम शाकाहारी है या नॉन वेज? खासकर भारत जैसे देश में, जहां भोजन की प्राथमिकताओं में धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएं भी शामिल होती हैं, ऐसे सवालों का जवाब जानना ज़रूरी है।
आइए जानते हैं मशरूम का असली वर्गीकरण, वैज्ञानिक आधार और इससे जुड़ी रोचक बातें।
मशरूम क्या होता है?
मशरूम एक प्रकार का फंगस (Fungus) है, जो न तो पौधा होता है और न ही जानवर। यह पृथ्वी पर एक अलग ही जैविक वर्ग (Kingdom Fungi) में आता है। यह मिट्टी, लकड़ी या अन्य कार्बनिक पदार्थों पर उगता है।
शाकाहारी बनाम नॉन वेज: कैसे तय होता है?
- शाकाहारी भोजन: ऐसे खाद्य पदार्थ जो पौधों या वनस्पतियों से प्राप्त होते हैं और जिनमें जानवरों की हत्या शामिल नहीं होती।
- नॉन वेज भोजन: ऐसे खाद्य पदार्थ जो पशु शरीर या उससे सीधे संबंधित होते हैं — जैसे मांस, मछली, अंडा आदि।
क्या मशरूम जानवरों से आता है?
नहीं। मशरूम न तो किसी जानवर का हिस्सा होता है और न ही उसकी हत्या से प्राप्त होता है। इसे वनस्पति जैसा खाद्य माना जा सकता है।
क्या मशरूम शाकाहारी है?
तकनीकी और व्यावहारिक रूप से, हाँ — मशरूम शाकाहारी माना जाता है।
हालांकि यह पौधा नहीं है, लेकिन इसमें कोई जानवर या पशु प्रोटीन नहीं होता, न ही यह किसी जानवर से प्राप्त होता है। इसलिए भारत सहित दुनियाभर में शाकाहारी लोग इसे खा सकते हैं, खासकर वे जो डेयरी, अनाज और सब्जियों का सेवन करते हैं।
धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण
- कुछ हिंदू परिवारों में, खासकर ब्राह्मण समुदाय में, मशरूम को “तामसिक” भोजन माना जाता है और उससे परहेज किया जाता है।
- जबकि बौद्ध, जैन और वैष्णव परंपराओं में इसे अक्सर नहीं खाया जाता क्योंकि यह मिट्टी और नमी से निकलता है और कुछ रूपों में माइक्रोबियल हो सकता है।
मशरूम के फायदे
- प्रोटीन, फाइबर और विटामिन बी का अच्छा स्रोत
- कोलेस्ट्रॉल फ्री और लो कैलोरी
- इम्युनिटी बढ़ाने में मददगार
निष्कर्ष
मशरूम एक फंगस है और तकनीकी रूप से शाकाहारी माना जाता है। यह नॉन वेज नहीं है क्योंकि यह किसी पशु या मांसाहारी स्रोत से नहीं आता। हालांकि धार्मिक मान्यताओं और व्यक्तिगत पसंद के अनुसार इसे खाने या न खाने का निर्णय लिया जाता है।