पिछले एक दशक में, पुरुषों के शुक्राणुओं की संख्या में काफी गिरावट आई है, 40 वर्ष से कम उम्र के आठ में से एक पुरुष को कम शुक्राणुओं की संख्या का अनुभव हो रहा है। एक रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि बांझपन के 40% मामलों में पुरुष कारक जिम्मेदार होते हैं। एक सामान्य स्वस्थ व्यक्ति में शुक्राणुओं की संख्या कम से कम 15 मिलियन प्रति मिलीलीटर होती है, लेकिन अस्वस्थ आदतों के कारण यह संख्या लगातार कम हो रही है।
शुक्राणुओं की संख्या कम होने के कारण
गतिहीन जीवनशैली: लंबे समय तक बैठे रहने से टेस्टोस्टेरोन उत्पादन और शुक्राणुओं की संख्या कम हो जाती है। रोजाना कम से कम 30 मिनट तक नियमित व्यायाम से दोनों में सुधार हो सकता है।
स्व-चिकित्सा: चिकित्सीय सलाह के बिना दवाओं का लगातार उपयोग, विशेष रूप से मांसपेशियों के निर्माण की दवाएं आपकी प्रजनन क्षमता को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसलिए आपके लिए बेहतर होगा कि आप अनावश्यक दवाइयों से बचें।
ख़राब आहार: जंक फूड, प्रसंस्कृत और परिष्कृत भोजन शुक्राणु स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। बेहतर शुक्राणु गुणवत्ता के लिए ताजा, घर का बना भोजन, फल, मेवे, बीज और हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए।
मोटापा: अधिक वजन या कम वजन होने से प्रजनन स्वास्थ्य ख़राब होता है। संतुलित आहार और व्यायाम के माध्यम से स्वस्थ वजन बनाए रखें।
धूम्रपान और शराब: धूम्रपान, शराब और नशीली दवाएं आपकी प्रजनन क्षमता के साथ-साथ आपके शुक्राणुओं की संख्या को भी कम कर देती हैं। अच्छी सेहत बनाए रखने के लिए इन आदतों को छोड़ना बहुत जरूरी है।
आइए जानें कि शुक्राणु स्वास्थ्य में सुधार कैसे करें: शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने के लिए बुरी आदतों को खत्म करें और इसे प्राथमिकता बनाएं।
पर्याप्त नींद: हार्मोन संतुलन बनाए रखने के लिए आराम जरूरी है।
तनाव प्रबंधन: अत्यधिक तनाव शुक्राणु उत्पादन को कम कर देता है। योग, ध्यान और विश्राम तकनीकें मदद कर सकती हैं।
स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर पुरुष अपनी प्रजनन क्षमता और समग्र स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं।