तेलंगाना सरकार की हाल की गतिविधियों को लेकर कांग्रेस और बीआरएस (भारत रत्न पार्टी) के बीच तीव्र विवाद देखने को मिल रहा है। बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटीआर ने हाल ही में कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने गरीबों के घरों को नष्ट करने के लिए बुलडोजर कंपनियों के साथ गुप्त समझौता किया है। केटीआर ने राहुल गांधी से सवाल किया कि जब सरकार बुलडोजर से गरीबों के घरों को तोड़ रही है, तो क्या यह सच में उचित है?
केटीआर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार गरीबों के घरों को तोड़ने में लगी हुई है, जबकि दूसरी ओर महलों में लक्ज़री रात्रिभोजों पर 200 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जा रहे हैं। उन्होंने यह सवाल उठाया कि क्या यह न्यायसंगत है कि गरीबों की आजीविका और घरों को नष्ट किया जाए, जबकि सार्वजनिक धन का गलत तरीके से उपयोग किया जा रहा है?
केटीआर ने वारंगल जिले में चल रहे विध्वंस कार्यों की भी आलोचना की, खासकर सड़क के किनारे झोपड़ियों और छोटी दुकानों को हटाने के मामले में। उनका कहना था कि यह विध्वंस गरीबों को नुकसान पहुंचा रहा है और यह उचित नहीं है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता जैसी घटनाओं के लिए बड़े पैमाने पर आयोजन किए जा रहे हैं, तो क्या यह गरीबों के लिए न्यायसंगत है कि उनकी जीवनशैली को बुलडोजर से नष्ट किया जाए?
इसके साथ ही, केटीआर ने यह भी कहा कि सरकार द्वारा इन कार्रवाइयों को बड़े पैमाने पर सार्वजनिक रूप से किए जाने के बावजूद, गरीबों से पूछताछ की जा रही है कि क्या उन्होंने कभी सरकार के लिए मतदान किया है या नहीं। उनका यह आरोप था कि इस तरह की कार्रवाइयाँ गरीबों को उनके अधिकारों से वंचित करने के प्रयास हैं, जो समाज में असमानता और भेदभाव को बढ़ावा देती हैं।
यह विवाद राज्य में राजनीतिक तनाव को और बढ़ा सकता है, क्योंकि सरकार के खिलाफ विपक्षी दल लगातार सवाल उठा रहे हैं कि क्या गरीबों के लिए यह सब उचित है, और क्या सरकार के अन्य खर्चे उनके लिए न्यायसंगत हैं।