लंदन के उप महापौर (व्यापार) राजेश अग्रवाल ने कहा है कि प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को अंतिम रूप देने के लिए ब्रिटेन और भारत में दृढ़ इच्छाशक्ति है।
रविवार से शुरू हो रहे तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन से पहले पीटीआई से बात करते हुए अग्रवाल ने यह भी कहा कि दोनों देशों के पास सूचना प्रौद्योगिकी, रक्षा, पेशेवर सेवाओं और अन्य क्षेत्रों में अपनी साझेदारी बढ़ाने के कई अवसर हैं।
अग्रवाल ने कहा, “एफटीए को अंतिम रूप देने के लिए द्विपक्षीय साझेदारी को बढ़ाने के लिए यूके और भारत के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है। एफटीए को लेकर दोनों पक्षों की इच्छाशक्ति बहुत मजबूत है।”
उन्होंने कहा कि आईटी, रक्षा, पेशेवर सेवाओं, कानूनी सेवाओं, जीवन विज्ञान और स्टार्ट-अप जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच साझेदारी बढ़ाने के कई अवसर हैं।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि टाटा समूह और अलग-अलग आईटी फर्मों सहित भारतीय कंपनियां अकेले लंदन में करीब 80,000 नौकरियां मुहैया करा रही हैं।
अग्रवाल ने कहा कि भयंकर कोविड-19 के प्रकोप के दौरान भी, भारतीय कंपनियों ने दुनिया भर में अपने कारोबार को बढ़ाया है, जो देश की आर्थिक प्रगति का संकेतक है।
दुनिया में आर्थिक मंदी की संभावना के बारे में पूछे जाने पर, अग्रवाल ने कहा, “भारत का स्थानीय बाजार बहुत मजबूत है और देश की अर्थव्यवस्था अत्यधिक लचीला है। हालांकि वैश्विक घटनाओं का हर देश पर कुछ प्रभाव पड़ता है, मुझे लगता है कि भारत इससे काफी हद तक सुरक्षित है।” आर्थिक मंदी के खतरे से)”।
उन्होंने कहा कि भारत आईटी और फार्मास्युटिकल मैन्युफैक्चरिंग में अग्रणी देशों में से एक है, और औद्योगिक उत्पादन गतिविधियों में भी तेजी आ रही है। उन्होंने कहा, “दुनिया भारत की ओर देख रही है क्योंकि यह सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और वैश्विक विकास का इंजन है।”
अग्रवाल ने यह भी कहा कि प्रतिभा संपन्न भारत में सरकार निवेश और उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने की इच्छाशक्ति रखती है। उन्होंने कहा, भारत की सबसे बड़ी ताकत उसका लोकतंत्र और भारत के प्रति पश्चिमी देशों की मित्रता है।
देश के विकास में प्रवासी भारतीयों के योगदान को रेखांकित करते हुए अग्रवाल ने कहा कि प्रवासी हर साल अपने देश में करीब 90 अरब डॉलर भेजते हैं।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान बिल्कुल सही है कि एनआरआई भारत और दुनिया के बीच एक जीवित पुल की तरह हैं। प्रवासी भारतीय दुनिया में देश के अनौपचारिक राजदूत हैं और वे ब्रांड इंडिया को मजबूत कर रहे हैं।”
इंदौर में जन्मे और पले-बढ़े अग्रवाल लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए लंदन के उप महापौर के रूप में सेवा करने वाले भारतीय मूल के पहले व्यक्ति हैं।
उन्होंने कहा, “लंदन में भारतीय मूल के लगभग 6.5 लाख लोग रहते हैं और उन्होंने वहां की राजनीति, अर्थव्यवस्था, कला और संस्कृति में बहुत बड़ा योगदान दिया है।”
अग्रवाल ने कहा कि उनका गृहनगर इंदौर पहले ही भारत में सबसे स्वच्छ शहर के रूप में अपनी वैश्विक पहचान बना चुका है।
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में सोयाबीन, बाजरा और डेयरी के प्रसंस्करण में भारी निवेश की संभावना है।