बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख को जमानत दे दी। जमानत एक लाख रुपये की जमानत राशि पर दी गई है।
ईडी मामले में जमानत के बाद भी वह अपने खिलाफ दर्ज सीबीआई मामले में सलाखों के पीछे ही रहेगा।
जस्टिस एनजे जमादार ने 28 सितंबर को देशमुख और ईडी के वकीलों को सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने पहले एचसी को सुनवाई समाप्त करने और उसकी याचिका पर फैसला करने का निर्देश दिया था, जो कई महीनों से लंबित है।
देशमुख के वकील विक्रम चौधरी और अनिकेत निकम ने दलील दी कि राकांपा मंत्री को उनकी उम्र और स्वास्थ्य की स्थिति को देखते हुए जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए। साथ ही उसका कोई आपराधिक इतिहास भी नहीं रहा है।
देशमुख को ईडी ने 2 नवंबर, 2021 को गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में है।
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करने के बाद ईडी ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था। ईडी के अनुसार, देशमुख ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और मुंबई के विभिन्न बार और रेस्तरां से 4.7 करोड़ रुपये एकत्र किए।
इसमें आरोप लगाया गया कि गलत तरीके से अर्जित धन को नागपुर स्थित श्री साईं शिक्षण संस्थान को भेजा गया, जो उनके परिवार द्वारा नियंत्रित एक शैक्षिक ट्रस्ट है।
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<!– Published on: Tuesday, October 04, 2022, 02:41 PM IST –>
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