कोलकाता: केंद्र में एनडीए सरकार बनने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत का एक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. दावा है कि मोहन भागवत ने कहा कि मणिपुर में 10 साल तक शांति (Manpur Violence) थी, लेकिन मोदी सरकार बनने के बाद वहां हिंसा भड़क गई.
बिस्वास न्यूज़ ने पाया है कि मणिपुर पर मोहन भागवत के बयान को तोड़-मरोड़ कर सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है. मोहन भागवत ने अपने बयान में इस समस्या की ओर ध्यान दिलाया.
वायरल पोस्ट क्या है?
फेसबुक उपयोगकर्ता सुनील यादव ( पुरालेख लिंक ) ने पोस्ट में लिखा,
’10 साल पहले मणिपुर शांतिपूर्ण था, मोदी सरकार आने के बाद अचानक हिंसा बढ़ गई’- RSS प्रमुख मोहन भागवत’चुनाव परिणामआरएसएस प्रमुख अब तक गहरी नींद में थे और एनडीए सरकार बनने के बाद खुले। वह आरएसएस के आखिरी राजा हैं. एनएसजी को पहली बार उनकी सेवा में तैनात किया गया है. आरएसएस बड़े-बड़े महलों में कार्यालय खोल रहा है. RSS के लोग निजी जहाज़ों में यात्रा करते हैं, अब उन्हें गुरुदक्षिणा की ज़रूरत नहीं है. संघ परिवार सत्ता का आनंद ले रहा है.
जाँच पड़ताल
वायरल दावे की पुष्टि के लिए हमने कीवर्ड की मदद से इसे गूगल पर खोजा। मोहन भागवत का वीडियो 10 जून को RSS के एक्स हैंडल पर पोस्ट किया गया था. उन्होंने कहा, ‘मणिपुर एक साल से शांति का इंतजार कर रहा है. इससे पहले 10 साल तक यह शांत था। पुरानी बंदूक संस्कृति ख़त्म होती दिख रही है. वहां अचानक पैदा हुई कलह की आग अभी भी जल रही है. इस पर कौन ध्यान देगा? इसे प्राथमिकता का विषय मानना हमारा कर्तव्य है।’
ANI के एक्स हैंडल पर 10 जून को नागपुर में हुए कार्यक्रम का वीडियो पोस्ट किया गया है. इसमें मोहन भागवत का भाषण भी सुनाई देता है. इसमें वह कहीं भी मोदी सरकार का नाम लेते नजर नहीं आ रहे हैं.
इस संबंध में बयान 10 जून को दैनिक जागरण की वेबसाइट पर प्रकाशित खबर में पढ़ा जा सकता है. वह डॉ. हेडगेवार स्मृति भवन परिसर में आयोजित ‘श्रमिक विकास वर्ग-2’ के समापन समारोह में बोल रहे थे. खबर में यह भी कहा गया है कि पिछले साल मणिपुर में दो समूहों के बीच हिंसा भड़क उठी थी. इस हिंसा में अब तक करीब 200 लोगों की जान जा चुकी है.
इस संबंध में संघ के पूर्व प्रांत प्रचारक राजीव तुली ने कहा, ‘वायरल दावा गलत है. उन्होंने कहा, ‘नौ-दस साल तक शांति थी, लेकिन पिछले एक साल से हिंसा जारी है.’
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मणिपुर में हिंसा पर चिंता जताते हुए ध्यान खींचा. लेकिन उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है.
शक्ति कलेक्टिव के हिस्से के रूप में विश्वास न्यूज की इस तथ्य जांच रिपोर्ट का शीर्षक, अंश को छोड़कर बाकी को यथासंभव अपरिवर्तित रखते हुए एबीपी लाइव बांग्ला द्वारा अनुवादित और प्रतिलेखित किया गया है।