मुंबई: अंतरराष्ट्रीय और घरेलू बाजार में सोने की कीमत (Gold Price Hike) रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है. सोने की कीमतों में बढ़ोतरी के पीछे का कारण अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती को माना जा रहा है। निकट भविष्य में ब्याज दरें और घटने की उम्मीद है. इसके अलावा इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच बढ़े तनाव का भी सोने की कीमत पर असर पड़ रहा है। जबकि पिछले कुछ महीनों में दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों द्वारा लगातार सोने की खरीदारी भी कीमतों में बढ़ोतरी का एक कारण रही है। सोने के बाजार पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों के मुताबिक, कीमत में अभी और बढ़ोतरी हो सकती है। कुछ विशेषज्ञों को उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में प्रति 10 ग्राम सोने की कीमत 1 लाख रुपये के पार पहुंच जाएगी।
इस साल कीमतों में 30 फीसदी की बढ़ोतरी
26 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत 2685.42 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई. जबकि घरेलू बाजार में मुंबई के एमसीएक्स पर सोने की कीमत 75,750 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गई। इस साल अब तक अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत 30 फीसदी तक बढ़ चुकी है.
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के फैसले का भी असर
इस महीने फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 50 आधार अंकों की कटौती की है. फेडरल रिजर्व ने चार साल में पहली बार ब्याज दरों में कटौती की। इस कटौती के बाद ब्याज दर घटकर 4.75 से 5 फीसदी के दायरे में आ गई है. कमजोर डॉलर से सोने को फायदा हो रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक, जब भी डॉलर कमजोर होगा, सोने की कीमतें बढ़ेंगी।