सरकारी योजना की जानकारी: केंद्र सरकार देश के आम नागरिकों के लिए किसानों के लिए कई योजनाएं चला रही है। इन योजनाओं के माध्यम से उन्हें आर्थिक सहायता दी जा रही है। सरकार की भूमिका इस देश के किसानों और मजदूरों की आय बढ़ाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। ऐसे में सरकार ने किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री आशा योजना का दायरा बढ़ाने का फैसला किया है.
पीएम आशा योजना क्या है?
35,000 करोड़ रुपये खर्च करने वाली मोदी सरकार के साथ पीएम आशा योजना जारी रखने का निर्णय लिया। यह योजना किसानों को सुरक्षा प्रदान करती है। जिसमें किसानों की फसलें चाहे वह दलहन, तिलहन या अन्य अनाज या सब्जियां हों, यदि उनका उत्पादन एमएसपी से नीचे आता है, तो सरकार उन्हें एमएसपी पर खरीदती है।
इस योजना की वित्तीय लागत क्या है?
15वें वित्त आयोग चक्र के लिए 2025-26 तक कुल परिव्यय 35,000 करोड़ रुपये होगा। किसानों और उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेंगी. इससे किसानों को उनकी उपज का बेहतर दाम मिलेगा और उपभोक्ताओं को भी सस्ती कीमत पर उपज मिलेगी। क्योंकि बिचौलिए किसानों से उनका माल सस्ते दाम पर खरीद लेते हैं और उपभोक्ताओं को ऊंचे दाम पर बेच देते हैं। इससे किसानों व उपभोक्ताओं को परेशानी हो रही है. 2024-25 के लिए यह सीमा उड़द और मसूर की फसल पर लागू नहीं होगी. क्योंकि उन पर पूर्वनिर्धारित नियम ही लागू होंगे. जिसमें तुरी, उदीद और मसूर जैसी दालों की शत-प्रतिशत खरीद करने का निर्णय लिया गया.
कैबिनेट की बैठक में कई फैसले लिए गए
इस योजना से किसानों को प्रोत्साहन मिलेगा. साथ ही किसानों की आत्मनिर्भरता भी बढ़ेगी. साथ ही अधिक उत्पादन से घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भरता भी कम होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कल हुई बैठक में सरकार ने कई फैसले लिए हैं. ऐसे में सरकार ने किसान के लिए बड़ा फैसला लिया है. मोदी सरकार ने पीएम-आशा योजना के लिए 35,000 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं. लोकसभा और विधानसभा चुनाव पर उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशें मान ली गई हैं. साथ ही किसान के लिए भी एक अहम फैसला लिया गया है. सरकार ने ऐलान किया है कि पीएम-आशा योजना से किसानों की आय बढ़ेगी. तो अब हर तरफ इस योजना की चर्चा हो रही है.